भारत में अनूठी जनसांख्यिकीय है जो इसे दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्र बना सकता है। भारत सबसे कम उम्र की आबादी वाले देशों में से एक है यहाँ 600 मिलियन लोग 25 की आयु से कम हैं और लगभग 70 प्रतिशत आबादी 40 की आयु से कम हैं। सुनने मे यह एक विशिष्ट लाभ लगता है लेकिन इस आबादी का कितना प्रतिशत रोजगार योग्य है इसका जवाब कुछ परेशान करता है।
प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार केवल 12 फीसदी अंडरगरेजुएट रोजगार के लिए तैयार हैं और केवल 52 फीसदी छात्र आसानी से शिक्षणीय हैं । भारत में सालाना 500,000 से अधिक इंजीनियर निकलते है लेकिन केवल 3.5 प्रतिशत प्रशिक्षित सीधे प्रोजैक्टस पर काम करने के लाय़क है।
रिसर्च के अनुसार संचार कौशल की कमी, सॉफ्ट स्किल्स की कमी, दुनिया मे हो रहे कामो पर ज्ञान की कमी होना मुख्य कारण है।
भारत में कम आय वाले परिवारों के लिए उनके बच्चे कॉलेज जाने वाले पहली पीढ़ी हैं। औपचारिक / संगठित क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रयास करने वाले य़ह पहले है और अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालने की उम्मीद हैं। बह समझने में असफल है कि किसी भी कॉलेज की डिग्री उनकी समस्या का जवाब नहीं है ।
‘अनुविकास’ में स्व- आकलन, कौशल विकास, कैरियर मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से युवा भारतीयों से अपनी क्षमता लाभ उठाना सिखाय़ा जाता है।
हम इस क्षेत्र में काम कर रहे अन्य संगठनों का समर्थन भी करते है।